अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,हर चोट के निशान को सजा कर रखना । उड़ना हवा में खुल कर लेकिन , अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना । छाव में माना सुकून मिलता है बहुत , फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना । उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं , यादों में हर किसी को जिन्दा रखना । वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना , खुद को दुनिया से छिपा कर रखना । रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी , अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना । तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम , कश्ती और मांझी का याद पता रखना । हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं , अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना । मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं , हर किसी से रिश्ता बना कर रखना । मरना जीना बस में कहाँ है अपने , हर पल में जिन्दगी का लुफ्त उठाये रखना । दर्द कभी आखरी नहीं होता , अपनी आँखों में अश्को को बचा कर रखना । सूरज तो रोज ही आता है मगर , अपने दिलो में ‘ दीप ‘ को जला कर रखना |
Badi mushkil se Ham samje Wo hame kya samjhte hai Jo achchhe hai Wo har inssan ko Achchha samjhte hai
Tuesday, 21 June 2011
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