Tuesday, 14 June 2011



आज तक बहुत कुछ खोया है हमने,
लेकिन आज कुछ पाने को दिल चाहता है,

हर हालात को ख़ुशी से कुबूल किया है हमने,
लेकिन आज उनसे लड़ने को दिल चाहता है,

अब तक तन्हा थे जिंदगी में हम,
लेकिन अब किसी को अपना बनाने को दिल चाहता है,

ना जाने कब से नहीं सोये हैं हम,
लेकिन आज जी भरके सोने को दिल चाहता है,

चलते चलते बहुत थक गए हैं हम,
लेकिन आज एक जगह रुक जाने को दिल चाहता है,

हर बात को हँस कर टाल देते थे हम,
लेकिन ना जाने क्यूँ आज रोने को दिल चाहता है,

आज तक जिए हैं हम सबकी ख़ुशी के लिए ,
लेकिन आज सिर्फ खुद के लिए जीने को दिल चाहता है,

अब तक हर कदम रखा है हमने संभाल के ,
लेकिन आज बहक जाने को दिल चाहता है,

हर कोई छोड़ जाता है बीच राह में हमे,
लेकिन आज सबको तन्हा छोड़ जाने का दिल चाहता है!

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